Edited by: Amit Yadav
Updated: 12 June, 2025 (Thrusday, 06:24pm)IST
महराजगंज: जनपद महराजगंज का परिवहन विभाग इन दिनों गंभीर अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गया है। महीनों से यहां एआरटीओ का पद खाली है और विभाग की कमान उधारी के सहारे चल रही है। जनपद में स्थायी एआरटीओ न होने के चलते सिद्धार्थनगर के एआरटीओ सुरेश मौर्य को यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। लेकिन उनका कार्यालय में आगमन बेहद कम होता है। इस स्थिति का फायदा उठाकर कार्यालय के बाबू और निजी दलालों की मिलीभगत से आम जनता का शोषण खुलेआम किया जा रहा है।
सबसे बड़ा मामला एक बीजेपी नेता के भाई से जुड़ा है। आरोप है कि परिवहन विभाग के एक कर्मचारी और उसके निजी सहकर्मी ने मिलकर उनसे पंजीयन प्रमाणपत्र (आरसी) के नाम पर 10,000 रुपये की वसूली कर ली। इतना ही नहीं, बाद में वाहन विवरण प्रिंट कराने के नाम पर फिर से अतिरिक्त धन की मांग की गई। पीड़ित के मुताबिक, उन्होंने डेढ़ माह पूर्व ही सभी दस्तावेज और औपचारिकताएं पूरी कर संबंधित कर्मचारी को फाइल सौंप दी थी, इसके बावजूद कार्य में अनावश्यक देरी की जा रही है।
सूत्रों व शिकायतकर्ता से मिली जानकारी के अनुसार यह भी आरोप लगाया है कि विभाग में सरकारी दस्तावेजों की खुलेआम धांधली हो रही है। आरसी जैसे संवेदनशील दस्तावेजों का व्यापार किया जा रहा है और कार्यालय में निजी व्यक्तियों को बैठाकर उनसे काम लिया जा रहा है। यह न केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है बल्कि सुरक्षा मानकों का भी उल्लंघन है।
बीजेपी नेता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और परिवहन आयुक्त से शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने मांग की है कि दोषी कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और महराजगंज में स्थायी एआरटीओ की तैनाती जल्द से जल्द की जाए।
इस पूरे घटनाक्रम से आम जनता में भारी आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब एक सत्ताधारी दल से जुड़े व्यक्ति के परिजन को न्याय नहीं मिल पा रहा है, तो आम जनता के साथ किस तरह का व्यवहार होता होगा। अब देखना यह होगा कि शासन प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता दिखाता है और क्या वास्तव में दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाता है या मामला फाइलों में ही दबा रह जाएगा।