गोरखपुर के बेतियाहाता में 42 घरों पर लटका तलवार, मिला बेदखली का नोटिस 

Reported by: Yashwant Maurya 

Edited by: Adrash Tripathi 

Updated: 28 January, 2025 (Tuesday, 5:10pm)IST

गोरखपुरः शहर के बेतियाहाता कॉलोनी में बसे करीब 1500 परिवारों पर अपने आशियाने को सुरक्षित करने का संकट मड़ राता जा रहा है. जिस 51 एकड़ भूमि पर लोग झोपड़ी से लेकर पक्का मकान बनाकर रह रहे हैं, वह जमीन बिहार के बेतिया स्टेट की हुआ करती थी। अब बिहार सरकार विधानसभा में अध्यादेश लाकर इस जमीन को अपने कब्जे में करने में जुटी है। बिहार सरकार के राजस्व अधिकारी गोरखपुर के इस क्षेत्र में बसे लोगों को सिविल कोर्ट के अधिवक्ता महेंद्र नाथ शुक्ला के माध्यम से नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। करीब 41 लोगों को अब तक नोटिस दिया जा चुका है। 

तीन बार कोर्ट दे चुका है स्टेः- राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक, आराजी नंबर 238 और 240 की भूमि पर काबिज सभी लोगों को नोटिस के जरिए 15 दिन में निर्माण और भूमि से हट जाने की हिदायत दी गई है। जबकि इस जमीन पर बसे हुए लोगों का कहना है कि वह चार पीढ़ियों से इस पर बसे हैं। सन् 1982 में भी इस पर कोर्ट का आदेश हुआ था। 2021 और 2025 में भी हुआ ताजा स्टे उनके पास मौजूद है। बिहार सरकार के अधिकारी कोर्ट के आदेश को नजअंदाज कर रहे हैं और गोरखपुर जिला प्रशासन कोई मजबूत कदम नहीं उठा रहा है। नोटिस मिलने के बाद उनकी बेचैनी बढ़ी हुई है कि आखिर वह 15 दिन के भीतर जाए तो जाए कहां। 

कब्जा नहीं हटाने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनीः-

बिहार सरकार द्वारा गोरखपुर में नामित राजस्व अधिकारी बद्री प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में इन भूमि पर काबिज लोगों को यह कहा गया है कि कब्जा नहीं हटाने की दशा में कानूनी कार्रवाई करने और उसका पूरा खर्च संबंधित से वसूली जायेगी। नोटिस पहुंचने के बाद से बेतिया राज की भूमि पर बसे लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। भूमि पर कब्जे को लेकर बिहार राजस्व परिषद के अध्यक्ष केके पाठक और गोरखपुर जिला प्रशासन के बीच बातचीत हुई है। लेकिन स्थानीय स्तर पर लेखपाल और पुलिस बल नहीं मिलने से बिहार राजस्व टीम को पैमाइश करने में दिक्कतें हो रही हैं। इसीलिए कार्रवाई बहुत तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रही। बिहार राजस्व परिषद की ओर से तैनात किए गए प्रशासक और राजस्व अधिकारी ने जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश से मिलकर लेखपाल और पुलिस बल मांगा है, लेकिन यह उन्हें उपलब्ध अभी नहीं हो पाया है।

बेतिया राज की संपत्ति के अधिग्रहण को लेकर विधेयक पासः-

बिहार सरकार के राजस्व अधिकारी बद्री प्रसाद गुप्ता ने बताया कि साक्ष्य के आधार पर 41 लोगों को उनके हस्ताक्षर से कोर्ट से नोटिस भेजी गई है। जमीन पर बसे हुए लोगों को हटाना, जमीन कब्जे में लेना यह दोनों प्रदेश की सरकारों को तय करना है, इस पर वह कुछ नहीं कर सकते हैं। राजस्व अधिकारी ने बताया कि बिहार विधानमंडल से बेतिया राज की संपत्ति के अधिग्रहण को लेकर विधेयक पास होने और गजट प्रकाशन के बाद नियमावली तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अभी वह जारी नहीं हुई है। नियमावली के जल्द आने की उम्मीद है। इसके बाद बेतियाराज की संपत्ति पर हुए कब्जे को लेकर कार्रवाई की तस्वीर साफ हो जाएगी। इसलिए टीम पैमाइश करने के साथ यह सुनिश्चित कर रही है कि संपत्ति पर कोई नया निर्माण ना हो। गोरखपुर मंडल के अलावा बस्ती में भी करीब 6.51 एकड़ भूमि बेतियाराज स्टेट की चिन्हित हुई है और उसकी भी पैमाइश वहां के राजस्व अधिकारी मौके पर जाकर कर रहे हैं।

पहले नियमावली बनाए बिहार सरकारः-

बेतियाहाता के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी का कहना है कि जो लोग यहां पर कई पीढ़ियों से मकान बनाकर रहे हैं। गृह कर और जलकर दे रहे हैं। नगर निगम और रजिस्ट्री कार्यालय में रिकॉर्ड है। फिर उन्हें बेदखली का नोटिस कैसे भेजा जा सकता है। जब नियमावली नहीं बनी तो कार्रवाई की दिशा कैसे तय कर ली गई। ज्यादातर भूमि पर सरकारी निर्माण है। पहले उन्हें न हटाकर गरीब और कमजोर जनता को घर से भेज कर करने का कृत्य ठीक नहीं है। कई लोग पहले भी कोर्ट जा चुके हैं। इस मामले में जिला प्रशासन को लोगों के पक्ष में गंभीरता से पहल करनी चाहिए। जिलाधिकारी गोरखपुर ने इस संबंध में पूर्व में अपना जो बयान जारी किया था, उसके मुताबिक उन्होंने बिहार राजस्व परिषद के अध्यक्ष को कुछ सुझाव दिया है. जिसके आधार पर नियमावली बनेगी और बेतियाहाता में बेतियाराज की संपत्ति पर बसे लोगों के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

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