रिपोर्ट – यूपी टाइम्स लाईव टीम।
नई दिल्ली: शराब नीति मामले में आरोपी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कोर्ट से झटका लगा। शुक्रवार को राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत ने उन्हें सात दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।
जांच एजेंसी ने सिसोदिया को बीते गुरुवार शाम को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को कोर्ट में ईडी और बचाव पक्ष के बीच दो घंटे जिरह हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सिसोदिया को 17 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेजने का निर्देश दिया गया।
सिसोदिया की निगरानी में साजिश ईडी ने कोर्ट में कहा कि आबकारी नीति में बदलाव का फैसला साजिश का हिस्सा था। पूरी साजिश सिसोदिया की निगरानी में रची गई। सिसोदिया ने 14 मोबाइल व सिम दूसरों के नाम से खरीदे फिर उनका इस्तेमाल कर उन्हें तोड़कर नष्ट कर दिया।
ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने अदालत में तर्क दिया कि साजिश को विजय नायर ने अन्य लोगों के साथ मिलकर कार्यान्वित किया था। नई आबकारी नीति थोक विक्रेताओं के लिए लाभ मार्जिन के लिए लाई गई थी। इसमें सौ करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। वहीं, बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने कहा कि पूरा मामला कही-सुनी बातों पर आधारित है। अभी तक सीबीआई और ईडी एक भी एक भी ऐसा साक्ष्य पेश नहीं कर पाई है जिससे यह कहा जा सके कि सौ करोड़ का किसी तरह का घोटाला हुआ है।
सीबीआई के मामले में जमानत पर सुनवाई टली सीबीआई द्वारा सिसोदिया की गिरफ्तारी, रिमांड और न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद अदालत में दायर जमानत याचिका पर भी शुक्रवार को अदालत में सुनवाई होनी थी। लेकिन, दो घंटे का समय ईडी की रिमांड याचिका पर सुनवाई में ही निकल गया। अदालत ने कहा, समय अभाव के कारण सुनवाई को 21 मार्च तक के लिए स्थगित किया जा रहा है।
ईडी के मुख्य आरोप –
1. मनीष सिसोदिया इस मामले की जांच में पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रहे हैं
2. आबकारी नीति से जुड़े कई सवाल अनसुलझे हैं, इसलिए हिरासत में पूछताछ जरूरी है
3. सिसोदिया ने अपने फोन को नष्ट कर दिया, जो जांच में एक महत्वपूर्ण सबूत है
सिसोदिया की दलील –
1. ईडी ने जो सवाल किए उनका जवाब दिया गया, आगे भी पूछताछ के लिए हाजिर रहूंगा
2. जांच एजेंसी को मेरे पास गैरकानूनी तरीके से अर्जित एक पैसा भी नहीं मिला है
3. ईडी धनशोधन मामले में नीति निर्माण की जांच कैसे कर सकती है
