सहकारी समितियों में सदस्यता लें किसान, खाद लेने में नहीं होगी दिक्कत, समिति द्वारा किसानों को मिलेगा कर्ज 

Reported by: Adrash Tripathi 

Edited by: Amit Yadav 

Updated: 26 November, 2024 (Tuesday, 10:49am)IST

महराजगंज: साधन सहकारी समितियों में अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि खेती-बाड़ी करने में किसानों को कोई दिक्कत न होने पाए। रबी सीजन में जिलेभर के किसान खाद की समस्याओं से जूझ रहे हैं। सहकारिता विभाग ने किसानों की सुविधा के लिए सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर जोर लगा दिया है। सहकारिता विभाग के एआर कॉआपरेटिव सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि समितियों की सदस्यता ग्रहण करने पर किसानों को खाद खरीदने के दौरान नगद भी नहीं देना पड़ेगा।

महराजगंज जिले में बी-पैक्स के तहत 96 साधन सहकारी समितियां संचालित हैं। लेकिन साधन सहकारी समितियों में ऋण के लेनदेन संबंधी काम बंद होने के बाद खाद की बिक्री एवं धान व गेहूं की खरीद तक सीमित रह गई हैं। पर समितियों में किसानों की सहभागिया बढ़ने के बाद सहकारिता विभाग ने पहले की तरह किसानों को एक लाख से लेकर अधिकतम तीन लाख कर्ज निकालने की सुविधा भी मुहैया करा दिया है। समितियों से कर्ज लेने पर किसानों को केवल पांच प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है। एआर कॉआपरेटिव सुनील कुमार ने बताया कि खाद आदि को लेकर समितियों से मिलने वाला कर्ज केसीसी की तुलना में काफी रियायत वाला होता है। खाद को लेकर से कर्ज लेने पर किसानों को केवल पांच प्रतिशत ब्याज देना पड़ेगा, जबकि केसीसी में सात प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है।

खाद आदि को लेकर कर्ज निकालने पर हर छह माह में लेनदेन करना होगा:-

साधन सहकारी समिति में सदस्यता ग्रहण के बाद शेयर खरीदने वाले किसानों द्वारा खाद आदि को लेकर कर्ज निकालने पर सिविल ठीक रखना होगा। ऋणी किसानों को हर छह महीने पर ब्याज सहित कर्ज समिति को वापस करना होगा। कर्ज वापस करने के बाद अगले दिन दूसरे छह माह के लिए नये सिरे से किसान कर्ज निकाल सकते हैं।

समितियों में किसानों की संख्या तीन लाख पार:- रबी सीजन में समितियों में नये सदस्यों द्वारा सदस्यता ग्रहण करने के बाद अब कुल सदस्यों की संख्या 3 लाख 20 हजार तक पहुंच गई है। समितियों में पुराने सदस्यों की संख्या 2 लाख 80 हजार थी। लेकिन समितियों में ऋण के लेनदेन संबंधी काम बंद होने के बाद पुराने सदस्य भी निष्क्रिय हो गए थे। पर अब नए किसानों के जुड़ने से पुराने किसानों में नई उर्जा का संचार हो गया है।

सुनील कुमार गुप्ता एआर कोआपरेटिव ने बताया कि, साधन सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए तेजी से काम किए जा रहे हैं। समितियों की सदस्यता ग्रहण करने पर किसानों को खाद खरीदने के दौरान नगद भी नहीं देना पड़ेगा।

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