वीरेंद्र सिंह यादव की रिपोर्ट
लक्ष्मीपुर महराजगंज। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत अध्यापक, अध्यापिकाओं और शिक्षा मित्रों को सोमवार से ऑनलाइन हाजिरी लगानी थी। निदेशालय के आदेश के बाद से शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। महराजगंज जनपद से अभी तक एक शिक्षक, शिक्षिका और शिक्षामित्रों ने ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाई है। सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं, शिक्षामित्रों ने हाथ की बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और शिक्षण कार्य किया। लक्ष्मीपुर ब्लाक के कम्पोजिट विद्यालय नईकोट, विशुनपुर कुर्थिया, एकमा, सोंधी, रामनगर, पैसिया ललाइन, विशुनपुर फुलवरिया, भगवानपुर अमहवा टोला आदि विद्यालयों के शिक्षकों ने हाथ में काली पट्टी बांध कर विरोध जताया। शिक्षकों की मांग है कि 30 दिवस ईएल की व्यवस्था होनी चाहिए। 15 हाफ-डे लीव की व्यवस्था होनी चाहिए। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि परिवार या किसी परिचित में शादी विवाह या दुर्घटना हेतु शिक्षक
मात्र 14 आकस्मिक अवकाश से कैसे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकेंगे यह बेहद चिंतनीय है। समय से प्रमोशन व स्थान्तरण नही हो पा रहा है। जिसे जल्द से जल्द कराया जाए। चिंतनीय तो तब हो जाता है जब एक शिक्षक या शिक्षिका अपने स्वयं के विवाह हेतु चिकित्सकीय अवकाश लेती है। मेरी समझ के बाहर है कि विवाह हेतु अवकाश, चिकित्सकीय अवकाश की श्रेणी में आता है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ महराजगंज के जिला अध्यक्ष ऋषिकेष गुप्ता ने बताया कि सरकार का आदेश पूरी तरह से अव्यवहारिक है। जिसके
प्राथमिक विद्यालय-अमहवाँ टोला, क्षेत्र-लक्ष्मीपुर, जनपद-महराजगंज
लिए शिक्षक झुकने के लिए तैयार नही है। सभी शिक्षक संगठनों ने पहले ही ऑनलाइन हाजिरी का विरोध की घोषणा कर दी थी। उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ ब्लाक लक्ष्मीपुर के अध्यक्ष सुदामा चौहान ने बताया कि सभी शिक्षक हाथों पर काली पट्टी बांधकर विरोध जारी रहेगा। शिक्षकों का कहना है कि विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। ऐसे में ऑनलाइन हाजिरी लगाना परेशानी बढ़ाएगा। कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के रास्ते खराब हैं। जिले के कई ब्लॉक बाढ़ग्रस्त रहते हैं। ऐसे में ऑनलाइन हाजिरी अव्यवहारिक है।