Reported by: Up Times Live Team
नई दिल्ली: पुराने संसद भवन में संचालित अंतिम सत्र में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अतीत के गौरवशाली पलों को याद किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की अच्छाई के साथ हम नए संसद भवन में जाएंगे। नई इमारत में मंगलवार से कामकाज शुरू होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री पीवी नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह समेत अन्य नेताओं के देश के निर्माण में योगदान की प्रशंसा की।
विश्वास बढ़ता गया प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले 75 वर्ष में लोकतंत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि सामान्य जन का संसद पर विश्वास बढ़ता गया। उन्होंने कहा, संविधान सभा से शुरू हुई 75 वर्षों की संसदीय यात्रा, उपलब्धियों, अनुभव, यादों और सीख से भरी रही। अब हम इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। इस दौरान उत्तम से उत्तम सृजन किया गया।
उपलब्धियां गिनाईं मोदी ने अपनी सरकार के समय हुए निर्णय गिनाते हुए कहा कि सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ सदन में कई ऐतिहासिक निर्णय हुए। दशकों से लंबित विषयों का स्थायी समाधान हुआ। इसमें अनुच्छेद 370 की समाप्ति, एक राष्ट्र-एक कर, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10 आरक्षण जैसे फैसले हुए। उन्होंने कहा, डॉ. राजेंद्र प्रसाद से लेकर डॉ. अब्दुल कलाम, रामनाथ कोविंद और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक के संबोधनों का लाभ मिला है।
जनअपेक्षाएं पूरी करेगीP09
50मिनट के संबोधन में मोदी ने सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का जिक्र किया
संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार को कैबिनेट बैठक में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई। इस विधेयक में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में डेढ़ घंटे तक चली बैठक में यह फैसला लिए जाने की जानकारी सामने आई है। हालांकि, सरकार ने इसका आधिकारिक ऐलान नहीं किया। यह बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है।
नए स्वरूप में विधेयक माना जा रहा है कि केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल को वर्ष 2010 में राज्यसभा में पारित बिल से अलग स्वरूप में लेकर आएगी। वर्ष 2010 में यूपीए सरकार के दौरान उच्च सदन में पारित बिल लोकसभा में नहीं लाया जा सका था।
27 वर्षों से लंबित सूत्रों का कहना है कि करीब 27 सालों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक संसद के पटल पर आएगा। इस पर दोनों सदनों की मुहर जरूरी होगी। लोकसभा में सरकार के पास पूर्ण बहुमत है, जबकि राज्यसभा में भी कांग्रेस सहित कई दलों के समर्थन के चलते इस बार राह मुश्किल नहीं लगती। हालांकि, सपा और राजद जैसे दल अब भी इस का विरोध कर रहे हैं।
अलग प्रावधान संभव विशेष सत्र बुलाए जाने की खबर के बाद से महिला आरक्षण बिल को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी है। संभावना जताई जा रही है कि महिला आरक्षण विधेयक के भीतर एससी-एसटी और ओबीसी महिलाओ को आरक्षण का प्रावधान भी किया जा सकता है।
नई इमारत में आज क्या
● उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष संसद के केंद्रीय कक्ष में समारोह का नेतृत्व करेंगे
● कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ शुरू और खत्म होगा। इसके बाद सांसदों नए भवन पहुंचेंगे
● इससे पहले पुराने संसद भवन के प्रांगण में तीन अलग-अलग समूह की तस्वीरें ली जाएंगी
● लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 1.15 बजे, राज्यसभा की बैठक दोपहर 2.15 बजे शुरू होगी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कांग्रेस पुरानी इमारत आजाद भारत के सभी बड़े फैसलों की गवाह है। इसमें भारतीय वास्तु कला की छाप है। इसे नफरत से नहीं देखना चाहिए। इस सदन में नेहरू जी, आंबेडकर जी और सरदार पटेल जैसे लोग बैठे थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा संसद का पुराना भवन आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। ये लोकतंत्र की स्वर्णिम यात्रा का एक अहम अध्याय है। इस भवन से विदाई लेना भावुक पल है। हम जब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन भी अनेक यादों से भरा है।
