बड़ा घोटाला: सिद्धार्थनगर में सड़क निर्माण हुए बिना कर दिया 19 करोड़ रुपये का भुगतान



रिपोर्ट – यूपी टाइम्स लाईव टीम।

लखनऊ: लोक निर्माण विभाग की इंडो नेपाल बार्डर मार्ग परियोजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। सिद्धार्थ नगर की एक सड़क के निर्माण में जो काम हुए ही नहीं उनके एवज में भी चहेते ठेकेदार को 18.64 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया।

इस खेल में शामिल रहे तत्कालीन अधिशासी अभियंता श्रीराज तो अब कानपुर क्षेत्र के मुख्य अभियंता हैं। जांच में कलई खुलने के बाद अब दर्जन भर अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा गया है।

मामला इंडो नेपाल बार्डर मार्ग परियोजना के तहत सिद्धार्थनगर की 31.55 किमी लंबी सड़क के निर्माण से जुड़ा है। इस काम को नोएडा की फर्म जेकेएम इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा कराया जा रहा है। इसका अनुबंध वर्ष 2013-14 में किया गया था। इस दौरान जिले में तैनात इंजीनियर वे ठेकेदार पर मेहरबान रहे।

कानपुर क्षेत्र के मौजूदा चीफ इंजीनियर और तत्कालीन एक्सईएन श्रीराज जो तीन-तीन बार वहां तैनात रहे। निलंबित चल रहे एक्सईएन देशराज गौतम, तत्कालीन एक्सईएन व मौजूदा अधीक्षण अभियंता (परिवाद) अनिल कुमार गुप्ता, एक्सईएन बलरामपुर अनिल कुमार राकेश, सहायक अभियंता सतीश चंद्रा, वीर्यवीर सिंह व दयाशंकर सिंह और अवर अभियंता अरविंद कुमार श्रीवास्तव, पांचू चौहान व चंद्रप्रकाश दूबे शामिल हैं। जबकि दो सहायक अभियंता सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यह सभी अभियंता 2014 से अब तक की अवधि में वहां अलग-अलग समय पर तैनात रहे हैं।

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