फारेस्ट यूनिवर्सिटी के लिए भूमि हस्तांतरित,  प्रदेश में बनेगा पहला फारेस्ट यूनिवर्सिटी 

Reported by: Yashwant Maurya

Edited by: Adrash Tripathi 

Updated: 18 November, 2024 (Monday, 1:28pm)IST

गोरखपुर:  कैंपियरगंज के भौरा वैसी में बने देश के पहले जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र के पास प्रदेश की पहली फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी बनने की सहमति शासन से मिल गई है। वन विभाग इसके लिए जल्द ही विश्वविद्यालय के नाम से 125 एकड़ भूमि का हस्तांतरित करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छह सितंबर को कैंपियरगंज के भौरा वैसी में बने जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र का उद्घाटन के दौरान आदेश दिए थे कि जिले में फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी बनाई जाए। इसके बाद वन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू करते हुए जमीन की तलाश शुरू की। पहले भटहट इलाके में वन विभाग की जमीन देखी गई, लेकिन यह जमीन लो-लैंड थी। इस पर सहमति नहीं बनी। इसके बाद वन विभाग ने जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र पास 125 एकड़ जमीन देखी। यह जमीन लो-लैंड भी नहीं है। दूसरी अहम बात यह है कि गोरखपुर-सोनौली फोरलेन से सटा हुआ है। इस रास्ते पर 24 घंटे आने-जाने के लिए साधन भी उपलब्ध है। विश्वविद्यालय बनाने के लिए शासन ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। अब यूनिवर्सिटी में चलने वाले कोर्स तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी एक्ट भी बनाया जा रहा है। डीएफओ विकास यादव ने बताया कि फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी के लिए जमीन की तलाश पूरी हो गई है। इस पर शासन की तरफ से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही भूमि का हस्तांतरण किया जाएगा। यूनिवर्सिटी में चलने वाले कोर्स भी तैयार किए जा रहे हैं, जिसे शासन को भेजा जाएगा।

कम पेड़ काटने पड़ेंगे:-

वन विभाग ने जो जमीन तलाश की है वहां पर पेड़ों की संख्या बेहद कम है। विश्वविद्यालय की बिल्डिंग को वहीं पर बनाया जाएगा। वन विभाग की कोशिश है कि कम से कम पेड़ काटे जाए। क्योंकि, इस क्षेत्र में पेड़ अधिक है और फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी बनाया जा रहा है, तो पेड़ लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। यूनिवर्सिटी में पर्यावरण, वन, बॉटनी केयर, वाइल्डलाइफ आदि से जुड़े पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होगी।

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