धर्मांतरण के लिए लेता था मिशनरियों से मदद, बनती थी गरीबों की सूची, विदेश से भी रखता था जुड़ाव, जानिए छांगुर का खुलासा

Reported & Published by: Up Times Live Team 

Updated: 12 July, 2025 (Saturday, 11:08pm)IST

लखनऊ:  हिंदू परिवारों का धर्म परिवर्तन, लव जिहाद और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में एटीएस के शिकंजे में आए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर के मंसूबे इससे भी कहीं घातक थे। अवैध धर्मांतरण के लिए उसने नेपाल जिले से सटे संवेदनशील सात जिलों में सक्रिय कुछ ईसाई मिशनरियों से भी सांठगांठ कर ली थी। उनके वालंटियरों को पैसे देकर कमजोर वर्गों का ब्योरा लेता था और फिर चिह्नित परिवारों को आर्थिक रूप से मदद कर प्रभाव में लेकर धर्म परिवर्तन कराता था। धर्मांतरण में होने वाले खर्च का पूरा हिसाब नसरीन ही रखती थी। नवीन से जलालुद्दीन बना नीतू का पति पुलिस और स्थानीय प्रशासन को मैनेज करता था।

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार देवीपाटन मंडल में मिशनरियों ने हर वर्ग के अनुसार प्रचारक नियुक्त किया है, जिससे परिवारों को समझाने और धर्मांतरण के लिए राजी करने में आसानी होती है। इसकी पूरी चेन है। प्रचार, पास्टर और पादरी अहम कड़ियां हैं। इनके पास चुनिंदा क्षेत्रों के दलित, वंचित, गंभीर रूप से बीमार व आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों का पूरा ब्योरा होता है, जिसे छांगुर समय-समय पर पैसे और प्रभाव का उपयोग कर धर्मांतरण के लिए हासिल करता था।

हिंदू परिवारों को प्रभावित करने के लिए वह नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जमालुद्दीन का उदाहरण देता था। बताता था कि दोनों पहले सिंधी थे। इस्लाम स्वीकार करने के बाद जिंदगी बदल गई। आज इनके पास पैसे हैं…आलीशान कोठी है…महंगी गाड़ी है…। इस्लाम स्वीकारते ही तुम्हारी भी जिंदगी बदल जाएगी।

भारत-नेपाल बॉर्डर पर काम कर चुके पूर्व आईबी अधिकारी संतोष सिंह बताते हैं कि छांगुर पीर मिशन आबाद की अहम कड़ी है। हिंदू परिवारों के धर्म परिवर्तन के बदले उसे विदेश से फंडिंग भी होती थी। इसकी रिपोर्ट भी बनी और गृह मंत्रालय को भेजी भी गई। देर से ही सही, लेकिन अब कार्रवाई पुख्ता हो रही है।

आईएसआई से नजदीकी बढ़ाने काठमांडू भी गया था छांगुर:-

बीते दिनों नेपाली सेना के पूर्व सैनिकों का एक सम्मेलन राजधानी काठमांडू स्थित पाकिस्तान दूतावास में आयोजित हुआ था, जिसमें पाकिस्तान की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एडीयू) का प्रतिनिधिमंडल मौजूद था। पाकिस्तान दूतावास के सैन्य सलाहकार कर्नल मुहम्मद अली अल्वी भी थे। दुनिया को दिखाने के लिए भले ही यह एक्सचेंज प्रोग्राम था, लेकिन इस कार्यक्रम के बाद पाकिस्तानी दल ने भारत सीमा का दौरा किया था, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी भी थे। तब नेपाल के सीमावर्ती जिले दांग के एक कद्दावर धार्मिक नेता के साथ छांगुर आईएसआई से नजदीकी बढ़ाने काठमांडू तक भी पहुंचा था।

इनसे भी रहा है छांगुर का जुड़ाव:-

सऊदी अरब इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक

-मुस्लिम वर्ल्ड लीग

-दावत-ए- इस्लाम

-इस्लामिक संघ ऑफ नेपाल

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