रिपोर्ट – यूपी टाइम्स लाईव टीम।
नई दिल्ली: देश में सड़क यात्रियों की संख्या का पता लगाने के लिए पहली बार अध्ययन कराया जाएगा। इसके पश्चात उनके लिए सड़क सुरक्षा उपाय व सुविधाएं लागू की जाएंगी। देश में वाहनों की टक्कर से सड़क यात्रियों की मृत्यु की घटनाओं को कम करने के लिए यह अध्ययन कराया जाएगा। हर साल औसतन 24,000 सड़क यात्रियों की दुर्घटनाओं में मौत हो जाती है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 14 मार्च को इस संबंध में आदेश पारित कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश की सड़क सुरक्षा सुदृढ़ करने के लिए उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति ने पैदल यात्रियों की संख्या पता लगाने को अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारी ने बताया कि निजी कंसल्टेंट से सड़क यात्रियों की संख्या का अध्ययन कराने के पश्चात उनके लिए सड़क पर सुविधाएं व सुरक्षा के उपाय लागू किए जाएंगे। पैदल यात्रियों की सुविधाओं व सुरक्षा के उपाय राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना की डिजाइन, निर्माण व परिचालन-मरम्मत स्तर पर लागू होंगे। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में इसका प्रावधान किया जाएगा।
दोनों ओर फुटपाथ, दिव्यांगों को सुविधाएं –
सड़क यात्रियों के लिए सड़क के दोनों ओर फुटपाथ बनाए जाएंगे। फुटपाथ के किनारे रेलिंग (1.5 मीटर ऊंची) होगी। इसमें नेत्रहीन-दिव्यांग की सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा। पुल पार करने के लिए उसके किनारे रेलिंग का प्रावधान किया जाएगा। जरूरत के मुताबिक पैदल यात्रियों के लिए क्रासिंग बनाई जाएंगी। फुट ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। जंक्शन व इंटरचेंज पर फुट ओवरब्रिज पर लिफ्ट, एक्सेलेटर की व्यवस्था होगी। इसके बिजली का खर्च राज्य सरकारें वहन करेंगी। प्रत्येक 20 से 30 मीटर पर स्ट्रीट लाइट होनी चाहिए।
