रिपोर्ट – यूपी टाइम्स लाईव।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का शुभारंभ किया। नई इमारत को देशवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह भवन समय की मांग थी। इसके कण-कण से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के दर्शन होते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की यात्रा में कुछ पल अमर हो जाते हैं। 28 मई ऐसा ही दिन है। यह भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का नया माध्यम बनेगा। यह भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। उन्होंने कहा, नया संसद भवन विश्व को भारत के दृढ़संकल्प का संदेश देता है। जब भारत आगे बढ़ता है, तो विश्व आगे बढ़ता है।
अहम कड़ी साबित होगा मोदी ने कहा, संसद का नया भवन योजना को यथार्थ से, नीति को निर्माण से, इच्छा शक्ति को क्रिया शक्ति से और संकल्प को सिद्धि से जोड़ने वाली अहम कड़ी साबित होगा। उन्होंने कहा, आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तीकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी।
विकसित राष्ट्र बनाने को 25 वर्ष प्रधानमंत्री ने कहा, देश के पास अमृत कालखंड के 25 वर्ष का समय है। इन वर्षों में हमें मिलकर देश को विकसित राष्ट्र बनाना है। 21वीं सदी का नया भारत बुलंद हौसलों से भरा है, जो अब गुलामी की सोच को पीछे छोड़ प्राचीनकाल की उस गौरवशाली धारा को फिर अपनी ओर मोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य कठिन है, पर हम सबको इसके लिए संकल्प लेना होगा।
नौ वर्ष का रिपोर्ट कार्ड पेश किया नए संसद भवन में अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार के नौ साल का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया। पिछले नौ वर्षों में देश में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन बनाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, पंचायत से संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक है।
कई विपक्षी दल नहीं पहुंचे इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कई देशों के राजनयिक और दोनों सदनों के सांसद मौजूद रहे। कई विपक्षी दलों ने समारोह में हिस्सा नहीं लिया। हालांकि, कई गैर एनडीए दलों के नेता मौजूद रहे।
उद्घाटन समारोह पर विपक्ष ने घेरा :-
नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से राष्ट्रपति को दूर रखने पर विपक्षी दलों ने रविवार को सवाल किए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, संसद भवन के शुभारंभ को प्रधानमंत्री राज्याभिषेक समझ रहे हैं। संसद लोगों की आवाज है।
वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि नये संसद भवन के उद्घाटन में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई विभिन्न रस्मों से यह प्रदर्शित होता है कि देश को दशकों पीछे ले जाया जा रहा है। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, प्रधानमंत्री ने जोरदार प्रचार के बीच नए संसद भवन का उद्घाटन किया। नई संसद, नया भारत। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया की यह घोषणा राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और विपक्षी दलों की अनुपस्थिति में हुई। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद और पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए धार्मिक नेताओं और पुजारियों को आमंत्रित किया गया, लेकिन राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया।
