रिपोर्ट – यूपी टाइम्स लाईव टीम।
नई दिल्ली:। दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मामले में विशेष अदालत ने नौ लोगों को दोषी ठहराया है। अदालत ने कहा कि ये सभी आरोपी एक अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा थे, जिसका मकसद हिंदू समुदाय के लोगों की संपत्तियों को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाना था। यह मामला नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान फरवरी, 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा से जुड़ा है।
आपको बता दें कि,दिल्ली पुलिस ने गोकलपुरी थाने में रेखा शर्मा की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। उन्होंने शिकायत दी थी कि 24 फरवरी, 2020 को दोपहर एक से दो बजे जब वह अपने घर पर मौजूद थीं, तो गली में पथराव हुआ। उन्होंने कहा था कि गली में एक भीड़ थी, जो घर का गेट तोड़ने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने डॺूटी गए अपने पति को सूचना दी जिन्होंने घर पहुंचकर उसे सुरक्षित स्थान पहुंचाया। महिला ने शिकायत में कहा था कि 24-25 फरवरी की रात भीड़ ने उसके घर का पिछले गेट तोड़ दिया और उसमें पड़ा सामान लूट लिया। भीड़ ने घर की ऊपरी मंजिल पर बने कमरे में भी आग लगा दी।
कड़कड़डूमा स्थित विशेष न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि इस मामले में आरोपी व्यक्ति एक अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा बन गए थे, जो सांप्रदायिक भावनाओं से प्रेरित थी और हिंदुओं की संपत्तियों को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाना, इनका एक सामान्य उद्देश्य था। उन्होंने सभी तथ्यों व साक्ष्यों पर विचार करने के बाद आरोपी मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसला और राशिद उर्फ मोनू को दोषी ठहराया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ अपराध को साबित करने के लिए पार्याप्त साक्ष्य पेश किया है। अदालत ने आरोपियों को हिंसा, चोरी, आग से शरारत करने और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी तरीके से जमा होने के अपराध के लिए दोषी ठहराया है।
सजा पर 29 मार्च को बहस होगी
अदालत ने दोषियों को कितनी सजा दी जाए, इस पर बहस के लिए मामले की अगली सुनवाई 29 मार्च तय की है। उस दिन अभियोजन और बचाव पक्ष को सुनने के बाद दोषियों को सजा दी जाएगी। इससे पहले, आरोपियों को दोषी ठहराते हुए अदालत ने उनको हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया। सभी नौ आरोपियों को आईपीसी की धारा 147, 148, 380, 427, 436 के साथ-साथ धारा 149 और 188 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है।
