रिपोर्ट – यूपी टाइम्स लाईव टीम।
शासन तक पहुंच चुकी हैं कई एसीएमओ की गड़बड़ियां।
स्वास्थ्य विभाग तैयार कर रहा है ऐसे एसीएमओ का खांका।
लखनऊ: प्रदेश के विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) लंबे समय से जमे हैं। किसी को 10 साल हो गए तो किसी को 15 या उससे अधिक। इनमें से कई लोगों ने वहां पूरा नेटवर्क खड़ा कर लिया है। जिलों में फर्जी डॉक्टरों से लेकर अवैध अस्पतालों का जाल सा बिछा हुआ है। इससे जुड़ी तमाम शिकायतें शासन तक भी पहुंची हैं। मौजूदा तबादला सीजन में ऐसे कई धुरंधरों की विदाई हो सकती है।
पिछले साल डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अन्य संवर्गों में बंपर तबादले हुए थे। इन्हें लेकर भारी बवाल मचा था। तबादलों को लेकर इतनी शिकायतें थीं कि विभिन्न जिलों के सीएमओ के साथ ही जिलाधिकारियों ने भी विभाग को पत्र भेजकर डॉक्टरों की कमी के चलते कई विभाग बंद होने की बात कही थी। मगर तब भी इन तमाम मजबूत एसीएमओ को नहीं हिलाया जा सका था।
दरअसल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चलने वाली तमाम योजनाएं हों या केंद्र व राज्य सरकार की स्वास्थ्य संबंध अन्य योजनाएं, सभी के नोडल अधिकारी जिलों में एसीएमओ ही होते हैं।
