रिपोर्ट – यूपी टाइम्स लाईव टीम।
नई दिल्ली/गोंडा : पहलवानों के उत्पीड़न के मामले में खेल मंत्रालय ने शनिवार को भारतीय कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर को निलंबित कर दिया। कुछ पहलवानों ने आरोप लगाया था कि तोमर ने एथलीटों से रिश्वत ली और वित्तीय भ्रष्टाचार में शामिल थे, जिससे उन्हें करोड़ों की संपत्ति बनाने में मदद मिली।
तोमर ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में बयान भी दिया था। मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि तोमर की उपस्थिति इस मामले की जांच को प्रभावित कर सकती है। मंत्रालय ने फेडरेशन की सभी गतिविधियों पर भी रोक लगा दी है। गोंडा में शुरू होने वाली ओपन चैंपियनशिप भी रद्द कर दी है।
इस बीच, संघ के अध्यक्ष सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने शनिवार को खुद को पद की जिम्मेदारी से अलग कर लिया। इधर, पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की समिति आठ से दस दिनों के भीतर रिपोर्ट तैयार कर लेगी। इसके बाद इसे खेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी जाएगी।
कुश्ती महासंघ ने खेल मंत्रालय को जवाब दिया भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने अपने अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उत्पीड़न समेत सभी आरोपों को खारिज किया है। साथ ही कहा है कि खेल निकाय में मनमानेपन और कुप्रबंधन की कोई जगह नहीं है।
डब्ल्यूएफआई ने खेल मंत्रालय को भेजे गए जवाब में कहा, प्रबंधन अपने संविधान के अनुसार एक निर्वाचित निकाय द्वारा किया जाता है। ऐसे में अध्यक्ष सहित किसी एक व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत रूप से मनमानी और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है। इधर, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने शनिवार को कहा कि कई बार कुछ लोगों द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में आरोपों के पीछे की मंशा कुछ और होती है। इसे जांचने की जरूरत होती है।
