Reported by: Yashwant Maurya
Edited by: Adrash Tripathi
Updated: 4 February, 2025 (Tuesday, 12:04pm)IST
गोरखपुर: जनपद के कैंट थाना क्षेत्र में गैस्ट्रो लीवर हॉस्पिटल का संचालन करने वाले डॉक्टर अनुज सरकारी की मुसीबत बढ़ गई है। डॉक्टर अनुज सरकारी के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला महिला मरीज़ के पति पंकज कुमार पर जानलेवा हमला करने से जुड़ा है।
कोर्ट के आदेश पर डॉ अनुज सरकारी के खिलाफ नामजद और दो दर्जन अज्ञात लोगों व बाउंसरों पर भी मामला दर्ज किया गया है। डॉ अनुज समेत सभी अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 76, 352, 115 (2), 31 (1) घ और 31 (2) के तहत सोमवार शाम 6 बजे एफआईआर दर्ज की गई।
यह मामला मंझरिया, गंगा थाना कोतवाली, खलीलाबाद, जनपद संत कबीर नगर की श्रीमती अदिति पत्नी पंकज कुमार द्वारा अदालत में दायर शिकायत के बाद कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया। मामले में सुनवाई के बाद विशेष न्यायधीश अनुसूचित जाति व जनजाति द्वारा पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया था।
वादिनी अदिति ने कोर्ट को बताया था कि वह अनुसूचित जाति की महिला है। पेट में दर्द होने पर वह 2 अक्तूबर 2024 को अपने पति पंकज कुमार के साथ छात्र संघ चौराहा के पास डॉ. अनुज सरकारी के गैस्ट्रो लीवर हास्पिटल पर दिखाने गई थी। डॉक्टर के कहने पर तीन अक्तूबर को हास्पिटल पर ही अल्ट्रासाउण्ड कराया गया। रिपोर्ट दिखाने पर डॉ. अनुज सरकारी ने सामान्य बताया। बताया कि मुलाकात के दौरान पति पंकज कुमार ने डॉक्टर से अल्ट्रासाउण्ड के लिए ज्यादा शुल्क लिए जाने की बात कही तो डॉ. अनुज सरकारी आगबबूला हो गए और जतिसूचक गाली दी।
शिकायत के मुताबिक अदिति ने जब डॉ. अनुज सरकारी का विरोध किया तो आरोपी ने पीड़िता और उसके पति को खुद और अपने स्टॉफ के लोगों के साथ मारते-पीटते हुए अपनी केबिन में खींचने लगे। इस दौरान पति को बुरी तरह से मार-पीटकर लहूलुहान कर दिया। वहीं, पति के सिर पर लोहे की राड से हमले के बाद डॉक्टर ने ही फोन करके पुलिस बुलवाई।
पुलिस पीड़ित दंपति को कैण्ट थाने ले गई। बाद में पूरी घटना की जानकारी के बाद थाने से दम्पति को छोड़ दिया। महिला का आरोप है कि पति पंकज कुमार अपना आधार कार्ड और दवा के कागजात आदि लेने 4 अक्तूबर को वापस डॉक्टर के यहां गए तो डॉक्टर अनुज सरकारी और उनके कर्मचारियों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए पति को मार-पीटकर धराशायी कर दिया।
कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए थानाध्यक्ष कैण्ट को आदेशित किया है कि प्रार्थना पत्र के आधार पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर नियमानुसार विवेचना करे।