Reported by: Girjesh Kumar Gupta
Edited by: Adarsh Tripathi
गोरखपुर: जगतबेला स्टेशन पर बुधवार देर रात करीब पौने दो बजे ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) तार टूट जाने से लखनऊ से गोरखपुर की ओर आने वाली ट्रेनों का संचलन करीब नौ घंटे ठप रहा। काफी मशक्कत के बाद गुरुवार सुबह 10:40 बजे तार ठीक किया जा सका, तब ट्रेनों का संचलन सामान्य हुआ। इस दौरान करीब दो दर्जन ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी रहीं, जिससे यात्रियों को काफी सांसत हुई। सबसे अधिक दिक्कत सप्तक्रांति एक्सप्रेस के यात्रियों को हुई। यह ट्रेन सहजनवा में भोर में चार बजे से करीब सात घंटे खड़ी रही।
बुधवार देर रात करीब पौने दो बजे जगतबेला में गरीब रथ एक्सप्रेस के पेंटोग्राफ में ओएचई लाइन फंस गया और तार टूट गया। तार टूटने की जानकारी स्टेशन प्रबंधन को हुई तो तत्काल डाउन ट्रेनों का संचलन ठप कर दिया। जो ट्रेनें गोरखपुर की तरफ आ रही थीं वह जहां थीं वहीं रोक दी गईं। लखनऊ की तरफ से गोरखपुर आ रही गोरखधाम, वैशाली, सम्पर्क क्रांति, सप्तक्रांति, आम्रपाली और बाघ एक्सप्रेस समेत 25 ट्रेनें मगहर, खलीलाबाद, चुरेब, बस्ती और मुण्डेरवा में खड़ी कर दी गईं। नौ घंटे बाद गुरुवार सुबह 10:40 बजे ट्रेनों का संचलन सामान्य हुआ।
यात्रियों की फरियाद:-
लखनऊ में हम खाना खाकर अपनी सीट पर सो गए। बीच में नींद खुली तो देखा कि ट्रेन कहीं रुकी हुई है। बाहर अंधेरा था। समय था करीब पौने चार बजे। जगह कौन सी थी पता नहीं चल रहा था। लगा कि कुछ देर में ट्रेन चल ही देगी। यही सोचकर फिर सीट पर लेट गए। अब खुलेगी.. अब खुलेगी…इसी इंतजार में करीब दो घंटे बीत गए पर ट्रेन नहीं चली। हमारी बोगी में बैठे सभी लोग परेशान थे। किसी को कुछ पता नहीं था कि क्या हुआ है, ट्रेन चल क्यों नहीं रही। इसी परेशानी के बीच बोगी की एसी भी खराब हो गई। बाहर निकले तो स्टेशन पर मौजूद कुछ रेलकर्मियों से पता चला कि आगे के स्टेशन पर कोई तार टूट गया है, जिससे ट्रेन आगे नहीं जा रही। तार ठीक किया जा रहा है। उसके बाद ही ट्रेन चलेगी। ट्रेन न चलने और एसी खराब होने की परेशानी के बीच करीब सात घंटे तक सभी लोग परेशान रहे और सुबह करीब पौने 11 बजे ट्रेन आगे बढ़ी तब राहत मिली।
यह आपबीती है सप्तक्रांति के एक यात्री रमेश की। रमेश नई दिल्ली से मुजफ्फरनगर की यात्रा कर रहे थे। यह बस एक नाम है.. लेकिन यह पीड़ा हर उस यात्री की थी, जो बुधवार को नई दिल्ली से चली सप्तक्रांति के यात्री थे। कुछ की यात्रा महज गोरखपुर की ही थी, मगर मगहर से सिर्फ 25 किमी की दूरी उनके लिए सात घंटे लंबी हो गई।
यही नहीं, यह किस्सा भी सिर्फ सप्तक्रांति के यात्रियों का नहीं था, बल्कि लखनऊ से गोरखपुर की ओर आ रही करीब दो दर्जन ट्रेनों जिसमें वैशाली, बाघ, नई दिल्ली क्लोन, गोरखधाम, अवध एक्सप्रेस, कृषक एक्सप्रेस जैसी कई ट्रेनों में सवार हजारों यात्रियों का था, क्योंकि जगतबेला स्टेशन पर गरीबरथ के पेंटोग्राफ में फंसकर ओएचई तार टूट गया था, जिस कारण डाउन लाइन की सभी ट्रेनें जहां-तहां रोक दी गई थीं।
सीपीआरओ, पूर्वोत्तर रेलवे पंकज कुमार सिंह ने बताया कि, डोमिनगढ़ जगतबेला के मध्य तकनीकि खराबी के कारण डाउन लाइन पर ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। इस दौरान अपलाइन से मूवमेंट जारी रहा। खराबी को ठीक कर ट्रेन संचालन सामान्य किया गया।
