आज से तीन दिन की हड़ताल पर रहेंगे विद्युत विभाग के कर्मचारी


रिपोर्ट – यूपी टाइम्स लाईव टीम।

लखनऊ: बिजली कर्मचारियों की तीन दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के मुद्दे पर टकराव की स्थिति बरकरार है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते की शर्तें न माने जाने के विरोध में गुरुवार रात 10 बजे से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया। कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है।

वहीं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने चेताया है कि विद्युत आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न करने व कानून हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। सभी विद्युत वितरण कंपनियों में हड़ताल के दौरान छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं। प्रशासन को अलर्ट किया गया है। मंडलायुक्त व डीएम विद्युत व्यवस्था की मॉनीटरिंग करेंगे।

विद्युत कर्मियों का कार्य बहिष्कार बुधवार को आरंभ हो गया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ने तीन दिसंबर को हुए समझौते में 15 दिन का समय दिया था। मगर 112 दिन बीत जाने के बाद भी उस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगमों की हठधर्मिता के चलते कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने को बाध्य किया जा रहा है। दुबे ने कहा कि विद्युत कर्मियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर 16 मार्च को देश के सभी प्रांतों में यूपी के बिजली कर्मियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।

ओबरा-अनपरा इकाइयां एनटीपीसी को देने का विरोध उन्होंने कहा कि ओबरा व अनपरा की 800-800 मेगावाट की नई इकाइयों को उत्पादन निगम से छीनकर एनटीपीसी को दिए जाने का भी हम विरोध करते हैं। यह इकाइयां आज भी सबसे सस्ती बिजली का उत्पादन विभाग के लिए कर रही हैं। दुबे ने आरोप लगाया कि मांगों के समाधान की जगह कर्मियों को पुलिस उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है।

आफिसर्स एसोसिएशन संभाल रही जिम्मेदारी

पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने अवधेश वर्मा के नेतृत्व में ऊर्जा मंत्री से भेंट कर आश्वस्त किया कि उनका संगठन हड़ताल में शामिल नहीं है। प्रदेश में विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने में दो घंटे ज्यादा काम कर सहयोग देने का भी भरोसा दिलाया। विभाग ने किसी भी हालात से निपटने के लिए इंतजाम किए हैं। जरूरत पड़ने पर कार्यदायी संस्थाओं, तकनीकी विभागों के कार्मिकों एवं विद्युत निगमों के सेवानिवृत्त अधिकारियों की भी सेवाएं लेने की तैयारी है।

विद्युत कर्मचारी इसलिए कर रहे हड़ताल –
● पारेषण इकाइयों के निजीकरण के प्रयास का कर रहे विरोध

● कारपोरेशन अध्यक्ष को नियम विरुद्ध चुने जाने का आरोप

● ओबरा व अनपरा को एनटीसीपी को देने के फैसले से असहमत

● आगरा व नोएडा में बिजली सप्लाई निजी कंपनियों से वापस न लेने की मांग।

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